कोरोनावायरस : डॉक्टर्स की अपील, अगले 4 महीने हो पॉल्यूशन लॉकडाउन, अस्थमा-कार्डियक मरीजों और बुजुर्गों की जान का सवाल
By: Ankur Fri, 09 Oct 2020 3:10:54
देश में बढ़ता कोरोना भयावह स्थिति को दर्शाता हैं। कारोना के आंकड़ों में लगातार इजाफा हो रहा हैं। ऐसे में सभी के द्वारा सतर्कता बरती जा रही हैं। लेकिन आने वाले दिनों में दिवाली का त्यौहार आने वाला हैं जिस दौरान पटाखों के जलने की वजह से पॉल्युशन होने लगता हैं। नवम्बर और दिसम्बर माह में अस्थमा और कार्डियो के पेशेंट बढ़ते हैं। लेकिन इस बार कोरोनाकाल में यह स्थिति भयावह हो सकती हैं। ऐसे में डॉक्टर्स का कहना हैं कि अगले 4 महीने पॉल्यूशन लॉकडाउन हो ताकि अस्थमा-कार्डियक मरीजों और बुजुर्गों की जान बची रहे।
डॉक्टर्स की मानें तो नवम्बर और दिसम्बर माह में इन दोनों बीमारियों के मरीजों, बुजुर्गों को बहुत ही अधिक सावचेत रहने की जरूरत है। वजह यह भी कि जहां पिछले साल अगस्त और सितम्बर माह में पॉल्युशन का पीएम 127 और 103 था, इस साल यह बढ़कर 138 और 186 तक पहुंच गया है। यानी कि खतरा बढ़ रहा है।
बीमारों पर यह है थ्री लेयर अटैक
सर्दी सेे बुजुर्गों, अस्थमा पेशेंट के लंग्स पहले ही पूरी तरह काम नहीं करते। अस्थमा पेशेंट को सर्दियों में परेशानी काफी बढ़ जाती है। कार्डियक परेशानियां भी बढ़ जाती हैं। प्रदूषण का स्तर सर्दी में काफी बढ़ जाता है। मरीज बहुत बढ़ जाते हैं। हर साल अक्टूबर और नवंबर में अस्थमा, कार्डियक बीमारी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है। कोराना वायरस सीधे लंग्स पर अटैक कर रहा है। यह वायरस अस्थमा और कार्डियक पेशेंट को गंभीर स्थिति में पहुंचा रहा है, यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है।
अक्टूबर से जनवरी मरीज बढ़ते हैं, अबकी चुनौती पहाड़-जैसी है
एक्सपर्ट कहते हैं- हर बार अक्टूबर से जनवरी तक अस्थमा, कार्डियक पेशेंट बढ़ जाते हैं। इस बार कोरोना से हालात ज्यादा चुनौतीपूर्ण हैं। आमजन को समझना होगा कि खतरा जानलेवा है। अकेले जयपुर की बात करें तो अक्टूबर में इन दोनों डिजीज के पेशेंट में 5% नवम्बर में 20% और दिसम्बर में 35% तक बढ़ जाते हैं। इस बार अत्यधिक सावचेती नहीं रखी गई तो ऐसे मरीजों में मौत का आंकड़ा बढ़ना तय है। इसलिए जरूरी है कि त्योहारों की खुशियां अपनों के बीच मनाएं। केवल एक साल पटाखे नहीं चलाने सेे खुशियां कम नहीं होंगी।
मरीजों के हित में अगले चार महीने पॉल्यूशन लॉकडाउन हो
लॉकडाउन से अनलॉक होते ही 4 माह में आबोहवा फिर दमघोंटू हो रही है। दीवाली के दिनों में प्रदूषण कई गुना तक बढ़ जाता है। मरीजों के हित में कोरोनाकाल मेंं तो कम से कम पॉल्यूशन का लॉकडाउन जरूरी है।
नवंबर में भारत संक्रमण के सबसे ऊपर हो सकता है
आपको बता दे, देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 69 लाख 3 हजार 812 हो गया है। राहत की बात है कि इनमें 59 लाख 3 हजार 207 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 8 लाख 93 हजार 41 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। पिछले 22 दिनों में एक्टिव केस सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। 17 सितंबर को यह 10 लाख 17 हजार से ज्यादा थे। संक्रमण के चलते अब तक 1 लाख 6 हजार 521 मरीजों की मौत हो चुकी है। देश में अब हर रोज कोरोना के 70 से 80 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं। यही रफ्तार रही तो नवंबर के पहले हफ्ते में भारत दुनिया का सबसे ज्यादा संक्रमण वाला देश हो जाएगा। मौजूदा केस की संख्या के अनुसार 7 नवंबर तक देश में 91 लाख 70 हजार से ज्यादा मामले होंगे, जबकि अमेरिका हर रोज 40 से 45 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं। इस लिहाज से यहां 7 नवंबर तक 91 लाख 40 हजार केस होंगे।
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